Friday 28 October 2011

aansoo tum mere sathi ho ............

koi tanha jee लेता है
koi tanha मर जाता है
koi परे मरण-जीवन के
विरह-अश्रु को पी लेता है |

जीवन की निष्ठुर घधियों में
आंसू तुम मेरे साथी हो
किसी के आंसू जहर जाते हैं
koi आंसू पी लेता है|

अश्रु-बूँद se सिंचित दिल को
पूज्य योग्य सब kahate हैं
अर्पित करता देवों को पर
स्वयम नहीं apanata है|

ह्रदय तंत्र जब भी bajata है
खुद गता खुद सुनाता है
पर-पीड़ा पर marane वाला
क्यूँ इसे नहीं सुन pata है|




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